जीवन की मंज़िल, स्वप्नों के जाल में फँसी हुई

जीवन की मंज़िल, स्वप्नों के जाल में फँसी हुई

यहाँ एक दिल है जो धड़कता रहता है। परन्तु उसकी आवाज़ click here झूठे सपनों में खो गई है। वह {सच{ की तलाश में भटक रहा है, लेकिन उसे सिर्फ {छल{ |मूर्खत

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